इंसानियत हिंदी कविता | Humanity Hindi Poem


इंसानसे तो होती हैं इंसानियत
पर सफल तभी जब हो साफ नियत...

निभाना इसे नहीं उतना भी मुश्किल
जरूरी हैं बस इक बडा सा दिल...

जो समझ सके जज्बातों को
जो कभी ना कही हुई बातों को...

इक दे दे दूसरे को सहारा
जिसे लगे कि वो सबकुछ हारा...

लालच नजर को धुँधला बना दे
ताकद कमजोरी को करें शरमिंदा...

इंसानियत तो सभी में होती हैं
बस कुछ में दफन, तो कुछ में जिंदा...

                       — पूनम जगताप 

©Poonam_jagtap

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