समय हिंदी रुबाई | Time Hindi Poem




रफ्तार को तो रोक नहीं सकते
फिर भी ठहराव आ ही जाता हैं...
चलने को चलती रहती हैं जिंदगी 
समय कहाँ कब हात में आता हैं...
                     — पूनम जगताप
©Poonam Jagtap 

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थोडे नवीन जरा जुने